केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि एक दशक पहले भारत मौसम पूर्वानुमान में काफी पीछे था, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश इस मामले में विकसित देशों के समकक्ष पहुंच गया है।

अमित शाह ने दिए ये आदेश
बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में शाह ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को प्रभावी बाढ़ प्रबंधन के लिए राज्यों के साथ समन्वय के साथ कार्य करने का निर्देश दिया।

देश का आपदा प्रबंधन 'जीरो कैजुअल्टी अप्रोच' के साथ आगे बढ़ रहा
शाह ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में देश का आपदा प्रबंधन 'जीरो कैजुअल्टी अप्रोच' के साथ आगे बढ़ रहा है। हमें इस मामले में विश्व में नंबर एक बनना है। उन्होंने देश में बाढ़ की समस्या को कम करने के लिए उठाए जा रहे दीर्घकालिक उपायों की समीक्षा की और पिछले वर्ष की बैठक में लिए गए निर्णयों पर उठाए गए कदमों पर चर्चा की।

उन्होंने बैठक में बाढ़ प्रबंधन के लिए विभिन्न एजेंसियों द्वारा अपनाई गई नई तकनीकों और उनके नेटवर्क के विस्तार पर चर्चा की। उन्होंने बाढ़ नियंत्रण और जल प्रबंधन के लिए विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों द्वारा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया।

अमित शाह ने कही ये बात
उन्होंने जल शक्ति मंत्रालय, एनडीएमए और नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) को ग्लेशियल झीलों की निगरानी करने और किसी भी प्रकार के विस्फोट की स्थिति में समय पर कदम उठाने की सलाह भी दी।

शाह ने कहा कि एनडीएमए को राज्य प्राधिकरणों के साथ बाढ़ की तैयारियों और निवारण के लिए समन्वय करना चाहिए। शाह ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से एनडीएमए द्वारा जारी सुझावों को समय पर लागू करने की अपील की।

उन्होंने बाढ़ पूर्वानुमान में सटीकता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया और कहा कि बाढ़ निगरानी केंद्रों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होना चाहिए। शाह ने नर्मदा नदी के चारों ओर वन क्षेत्र बढ़ाने की बात भी की, जिससे नदी बेसिन को पुनर्जीवित किया जा सकेगा। उन्होंने बिहार और उत्तर प्रदेश में मजबूत बाढ़ प्रबंधन के लिए नई तकनीकों का उपयोग करने का सुझाव दिया।