यात्रियों को बड़ी राहत: ग्वालियर-बेंगलुरु के बीच डायरेक्ट तूफानी एक्सप्रेस शुरू

ग्वालियर: ग्वालियर से लेकर गुना, शिवपुरी और अशोक नगर के यात्रियों को एक बड़ी सौगात देश के रेलमंत्री ने दी है. गुरुवार को ग्वालियर से बेंगलुरु के लिए नई ट्रेन की शुरुआत हुई है. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ साथ स्थानीय सांसद भारत सिंह कुशवाह, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया और अनूप मिश्रा भी मौजूद रहे. जिन्होंने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस मौके पर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव, प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े.
ग्वालियर से बेंगलुरु रवाना हुई ट्रेन
ग्वालियर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 4 पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में इस वीकली ट्रेन (गाड़ी क्र.- 11086/85) को हरी झंडी दिखाई गई. कार्यक्रम में मौजूद सभी नेताओं ने चंबल के विकास को लेकर बात रखी. वहीं, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, "जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक को जोड़ने का काम कर रहे हैं और इसी कड़ी में इस ट्रेन के जरिए ग्वालियर को बेंगलुरु से जोड़ने की शुरुआत हो रही है.''
30 घंटे से बेंगलुरु पहुंचेगी ट्रेन
नई ट्रेन हर सप्ताह दोपहर 3 बजे ग्वालियर से बेंगलुरु के लिए रवाना होगी. ट्रेन के शिवपुरी, गुना,अशोकनगर, बीना, विदिशा और भोपाल में स्टॉप रहेंगे. यहां से नागपुर होते हुए काचीगुडा, महबूबनगर से तीसरे दिन सुबह 7.35 बजे बेंगलुरु पहुंचेगी. यह 30 घंटे में यह दूरी पूरी होगी. बता दें कि नई नवेली ट्रेन में 22 कोच हैं. इसमें स्लीपर, एसी, जनरल और इकोनॉमी क्लास शामिल हैं. ट्रेन में यात्रियों का सफर आरामदायक होने वाला है. क्योंकि पहले बेंगलोर जाने में 36 से 38 घंटे लगते थे. अब 8 घंटे की दूरी कम हो जाएगी.
'150 साल पहले दो करोड़ के निवेश से रखी थी नींव'
मंत्री सिंधिया ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, ''ग्वालियर में ट्रेन का इतिहास बहुत पुराना है. 1872 में उनके परदादा जियाजी राव ने भारत के मिडलैंड रेलवेज की स्थापना की थी, ग्वालियर से आगरा को जोड़ने के लिए. उस समय 150 साल पहले 2 करोड़ रुपये निवेश किए थे. उनके बेटे माधव महाराज ने ग्वालियर लाइट रेलवे की शुरुआत की थी, वह भी उस जमाने में उस समय के शासकों ने सोची तक नहीं थी. उन्होंने ग्वालियर को भिंड, श्योपुर, शिवपुरी से जोड़ा.''
रेलवे क्षेत्र में रही सिंधिया राजघराने की सहभागिता
उसी क्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने पिता स्व. माधवराव सिंधिया का जिक्र करते हुए कहा कि, "मेरे पूज्य पिता ने रेलमंत्री रहते गुना इटावा रेलवे लाइन जिसे लोग सपना बताते थे शुरू की. अपने कार्यकाल में शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत की. आज इस बात की खुशी है की बेंगलुरु और ग्वालियर को जोड़ा जा रहा है.''
सांसद बोले, क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाएगी ट्रेन
कार्यक्रम के समापन के साथ ही केंद्रीय मंत्री इसी नई ट्राई में सवार होकर शिवपुरी रवाना हुए. वहीं, कार्यक्रम में शामिल रहे सांसद भरत सिंह कुशवाहा ने बातचीत के दौरान खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि, ''यह ट्रेन ग्वालियर चंबल अंचल के लिए एक बड़ी सौगात है. ये यहां के युवाओं के भविष्य और व्यापार की सौगात है. क्योंकि बैंगलोर IT हब है और अब इस अंचल के युवाओं को इस हादसे जुड़ने का मौका मिलेगा, ग्वालियर के विकास और तरक्की के लिए यह ट्रेन अहम भूमिका निभाएगी.''
अब तक गुना, शिवपुरी अशोकनगर के लिए नहीं थी ट्रेन
गौरतलब है कि, ट्रेन की रवानगी के दिन अधिकांश सीटें खाली पड़ी थीं. सामान्य दिनों में बेंगलुरु के लिए लोगों में टिकटों की मारामारी रहती है लेकिन गुरुवार को इस नई ट्रेन की शुरुआत की जानकारी कम लोगों को मिली, जिसके कारण लोग कम संख्या में इस ट्रेन से रवाना हुए. यह ट्रेन खास करके शिवपुरी, गुना, अशोकनगर के यात्रियों की सुविधा को लेकर ग्वालियर से चलाई गई है. क्योंकि पूर्व में बेंगलुरु के लिए इन शहरों से कोई सीधी ट्रेन की सुविधा नहीं थी.