शी जिनपिंग का एक्शन: एडमिरल मियाओ हुआ को 'कानूनी उल्लंघन' के आरोप में पद से हटाया
बीजिंग: चीन ने अपने एक और सैन्य अधिकारी पर कड़ा एक्शन लिया है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एडमिरल मियाओ हुआ को तत्काल प्रभाव से नौकरी से हटा दिया है. चीन ने यह कार्रवाई सेना में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत 'कानूनी उल्लंघन' के संदेह में की है. चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने खुलासा किया है कि विवादास्पद चीनी एडमिरल और शक्तिशाली सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) के सदस्य मियाओ हुआ पर "कानूनी उल्लंघन" का संदेह है. जो कि यह संकेत देता है कि उनके खिलाफ लगे आरोप पहले की अपेक्षा अधिक गंभीर और आपराधिक प्रकृति के हो सकते हैं.
लंबे समय से मियाओ जांच के रडार पर थे मियाओ
एक रिपोर्ट के अनुसार लंबे समय से मियाओ जांच के रडार पर थे. इससे पहले भी वह अनुशासनात्मक जांच का सामना कर चुके हैं. मियाओ चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के राजनीतिक कार्य विभाग के प्रमुख रह चुके हैं. यह एक ऐसा पद है जो सेना में वैचारिक नियंत्रण और कार्मिक प्रबंधन के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है. 15 मई को जारी चीन के शीर्ष विधायिका के एक बयान में कहा गया कि मार्च में मियाओ को "अनुशासन और कानून के गंभीर उल्लंघन" के संदेह में संसद से निष्कासित करने का निर्णय लिया गया था. यह बयान हाल ही में सार्वजनिक हुआ और इस सप्ताह पहली बार मीडिया में सामने आया. हालांकि उनके निष्कासन की रिपोर्ट पहले ही मार्च में सामने आ चुकी थी, लेकिन यह पहली बार है जब अधिकारियों ने कानूनी कदाचार की संभावना को औपचारिक रूप से स्वीकार किया है.
मियाओ पर अभी हो सकती है और बड़ी कार्रवाई
चीन अपनी सेना में भ्रष्टाचार के खिलाफ काफी सख्त है. इससे पहले भी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपनी सेना के 2 अधिकारियों को निकाल चुके हैं. मियाओ को नवंबर 2024 के अंत में "अनुशासन के गंभीर उल्लंघन" के आरोपों में जांच के दायरे में रखा गया था. उन पर भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग से जुड़े मामले लंबित थे. अब "कानूनी उल्लंघन" का उल्लेख इस बात की ओर इशारा करता है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज किया जा सकता है.
मियाओ क्यों बने जिनपिंग की आंख की किरकरी?
मियाओ का यह पतन राष्ट्रपति शी जिनपिंग के व्यापक भ्रष्टाचार विरोधी अभियान और सैन्य सुधार के प्रयासों के बीच हुआ है. हाल के वर्षों में कई उच्च-रैंकिंग PLA अधिकारी इन अभियानों के तहत निशाने पर आ चुके हैं. शी जिनपिंग ने PLA में वैचारिक नियंत्रण को मजबूत करने और सेना के भीतर कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादारी को प्राथमिकता देने की नीति अपनाई है. उनका लक्ष्य चीन को एक वैश्विक सैन्य महाशक्ति बनाना है. मगर मियाओ अपने आचरण के चलते इसमें फिट नहीं बैठ रहे थे. लिहाजा वह जिनपिंग की आंखों की किरकिरी बन गए. हालांकि मियाओ अभी भी CMC के सदस्य हैं, लेकिन उन्हें इस संस्था से भी हटाया जाना लगभग तय माना जा रहा है.
पूर्व रक्षामंत्री पर भी गिर चुकी है गाज
चीन में मियाओ से पहले पूर्व रक्षा मंत्री ली शांगफू पर भी जिनपिंग की कार्रवाई की गाज गिर चुकी है. 2023 में पूर्व रक्षामंत्री शांगफू केवल सात महीने ही अपने पद पर रह सके. इससे पहले और उनके पूर्ववर्ती वेई फेंगहे (2018–2023) को भी "अनुशासन और कानून के गंभीर उल्लंघन" के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. बीजिंग ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच की पुष्टि की थी और ली को अक्टूबर 2023 में CMC से हटा दिया गया था.
क्या मियाओ को जेल में डाल चुके हैं जिनपिंग
मियाओ हुआ की अंतिम सार्वजनिक उपस्थिति 7 अक्टूबर को झिंजियांग उत्पादन और निर्माण कोर की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई थी. तब से उन्हें सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि शी जिनपिंग मियाओ को जेल में डाल चुके हैं. हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. इसी तरह चीन में CMC के उपाध्यक्ष और पोलित ब्यूरो के सदस्य हे वेइदोंग भी पिछले दो महीनों से सार्वजनिक रूप से अनुपस्थित हैं. उन्हें आखिरी बार 11 मार्च को सार्वजनिक रूप से देखा गया था और तब से वे किसी भी प्रमुख बैठक में शामिल नहीं हुए हैं.
मियाओ का पीएलए से जुड़ने का इतिहास
मियाओ ने केवल 14 वर्ष की उम्र में PLA में भर्ती हुए थे. इसके अलावा उन्होंने दक्षिण-पूर्वी फ़ुज़ियान प्रांत में पार्टी कार्य में कई वर्षों तक सेवा दी. शी जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद मियाओ तेजी से पदोन्नत हुए और PLA की नौसेना में राजनीतिक कमिसार के रूप में कार्य किया और अंततः सबसे कम उम्र के एडमिरल बन गए. वे 2017 से CMC के सदस्य हैं. मगर भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों के चलते वह जिनपिंग की नजर पर चढ़ गए.