रांची। कोरोना का कैरियर बन चुके तब्लीगी जमातियों के माध्यम से फैलते संक्रमण से जूझ रहे झारखंड में दिल्ली, महाराष्ट्र, बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान के विभिन्न शहरों से आए हजारों मजदूर भी बड़ा खतरा बने हुए हैं। ये मजदूर दबे पांव यहां दाखिल हुए हैं और इनकी यहां न तो स्क्रीनिंग हो सकी है ना ही जांच। एक आंकड़े के मुताबिक एक लाख 70 हजार लोग लॉकडाउन के दौरान भी दूसरे राज्यों से आए हैं।
कोरोना का कहर बढ़ा तो सीमाओं पर सैैंकड़ो लोगों को रोका भी गया, लेकिन इससे पहले हजारों लोग अपने-अपने इलाकों में दाखिल हो चुके थे। झारखंड में स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है लेकिन स्थिति कभी भी विस्फोटक रूप धारण कर सकती है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों का बड़ी आबादी के संपर्क में बेरोकटोक आना कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के कहर के बीच कितना खतरनाक हो सकता है, यह बताने की जरूरत नहीं।
राज्य में अब तक बाहर से आए तीन मजदूर कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। इनमें दो हजारीबाग के व एक कोडरमा का है। शनिवार को कोडरमा और हजारीबाग के जिन मजदूरों में संक्रमण मिला है, वे तकलीफ बढऩे के बाद इलाज के लिए पहुंचे और इसके बाद उनमें संक्रमण का पता चला। चिकित्सक बताते हैं कि कोरोना में कई बार लक्षण शुरू में नजर नहीं आते, इसलिए संदिग्धों को क्वारंटाइन और निगरानी में रखने की व्यवस्था है, लेकिन मजदूरों के मामले में इस नियम का पालन नहीं हो सका।
नहीं करवा रहे जांच, छिपा रहे बाहर से आने की बात
दुख की बात यह है कि कोरोना को लेकर बरती जा रही इतनी सतर्कता और जागरूकता के बीच भी बाहर से आए बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं जो ना तो अपनी जांच करवा रहे हैं। ना ही अपने बाहर से आने के बारे में सही जानकारी दे रहे हैं। लोगों के मन से इस भय को भी दूर करना जरूरी है।
कोडरमा में इलाजरत गिरिडीह का जो युवक शनिवार को कोरोना पॉजिटिव पाया गया, वह कई दिनों से अपने बारे में जानकारी छिपाकर अलग-अलग अस्पतालों में इलाज करा रहा था। बड़ी संख्या में ऐसे भी मजदूर हैं जो घर लौटने के बाद यहां सब्जी और फल बेचने जैसे अलग-अलग व्यापार में जुट गए हैं। ऐसे में ये दूसरों के लिए भी खतरा बने हुए हैं। साथ ही खुद को भी खतरे में डाल रहे हैं।
अभी भी दूसरे राज्यों में फंसे हैं सात लाख मजदूर
लॉकडाउन के कारण अभी भी झारखंड के सात लाख लोग दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। अचानक से जब इतनी संख्या मेंं लोग यहां आएंगे, तब के लिए सरकार को अभी से जांच और स्क्रीनिंग की व्यवस्था कर लेनी होगी, नहीं तो इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
होम क्वारंटाइन में नहीं हो पा रहा शारीरिक दूरी का पालन
राज्य में बाहर से आए दो लाख से भी अधिक लोगों को होम क्वारंटाइन में रखा गया है, लेकिन इस अवधि में ये लोग शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर पा रहे हैैं। ऐसे में संक्रमण फैलने का भी खतरा बरकरार है।
किस जिले में बाहर से कितने लोग आए
हजारीबाग – 16494
गिरिडीह – 14000
साहिबगंज -5034
पश्चिमी सिंहभूम – 6633
पाकुड़ – 2900
सरायकेला खरसावां – 2548
दुमका -5055
बोकारो – 5284
लातेहार – 3951
पलामू – 4311
चतरा – 3298
गढ़वा – 6513
लोहरदगा – 2222