मुंबईः मुंबई के इस्कॉन मंदिर में कोरोना वायरस के खतरे से बचने के लिए श्रद्धालुओं के लिए गेट पर गोमूत्र रखा गया है। श्रद्धालुओं का आरोप है कि यह उनकी बिना अनुमति के रखा गया है। हालांकि, इस्कॉन की तरफ से इस आरोप से इनकार नहीं किया गया।
मंदिर प्रशासन का कहना है कि सिर्फ 15 मार्च रविवार को गोमूत्र का प्रयोग किया क्योंकि अल्कोहल वाले सैनिटाइजर की कमी हो गई थी। इस्कॉन की प्रवक्ता परीजाता देवी ने बताया कि हैंड सैनिटाइजर की जगह जो प्रयोग किया गया है वो गोमूत्र था। यह संक्रमण रोधी और एंटी बैक्टीरियल है। हमने थोड़े समय के लिए इसका प्रयोग किया था। उस दौरान हमारे पास सैनिटाइजर की कमी थी।
मंदिर प्रशासन की तरफ से कहा गया कि यह नियमित रूप से नहीं किया जाता है। हालांकि मंदिर की प्रवक्ता का कहना था कि इसका प्रयोग करने का वैज्ञानिक आधार है। गोमूत्र को एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी कैंसर एजेंट जैसे औषधीय गुणों के कारण अमेरिका से पेटेंट हासिल है। दूसरी तरफ इस्कॉन मंदिर की तरफ से बिना अनुमति के गोमूत्र रखे जाने को लेकर सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा हो रही है। बता दें देश में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या 124 हो गई है। साथ ही दो लोगों की इससे मौत हो गई है।