भोपाल: मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार का आज होने वाला फ्लोर टेस्ट नहीं होगा। सीएम कमलनाथ ने इसे असंवैधानिक बताया है। उन्होंने विधानसभा सत्र से ठीक पहले राज्यपाल को एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि ऐसी स्थिति में फ़्लोर टेस्ट करना अलोकतांत्रिक होगा। इस पत्र में लिखा गया हैं कि मेरे द्वारा आपको 13 मार्च को भी अवगत कराया गया है कि कांग्रेस के कई विधायकों को बीजेपी ने बंदी बनाकर कर्नाटक में पुलिस के नियंत्रण में रखा है एवं दबाव बनाकर उनसे अलग अलग बयान दिलवाए जा रहे हैं। ऐसे में विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का कोई औचित्य नहीं है तथा ये पूरी तरह अलोकतांत्रिक एवं असंवैधानिक होगा।
मुख्यमंत्री कमलनाथ जी का राज्यपाल को पत्र:
मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने राज्यपाल को पत्र लिखकर विधानसभा की कार्यप्रणाली के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र को स्पष्ट किया है।
मुझे आशा और विश्वास है कि महामहिम विधि एवं संविधान के अनुरूप ही आगे कार्य करेंगे : कमलनाथ
इससे पहले फ्लोर टेस्ट को लेकर सीएम कमलनाथ ने आधी रात को राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। वे फ्लोर टेस्ट के लिए तो तैयार दिखे, लेकिन उन्होंने एक शर्त रखते हुए कहा कि पहले उनकी पार्टी के ‘बंधक’ बनाए गए विधायकों को छोड़ा जाए। मीडिया जानकारी देते हुए उन्होंने कहा था कि, राज्यपाल का फोन आया था, विधानसभा शांतिपूर्वक चले इसको लेकर हमारी चर्चा हुई है मैं भी यह चाहता हूं कि विधानसभा शांतिपूर्वक चले और इसके लिए स्पीकर से चर्चा करूंगा, जहां तक फ्लोर टेस्ट का सवाल है तो इस पर स्पीकर को निर्णय लेना है। अब स्पीकर क्या निर्णय लेते हैं इसे लेकर मैं क्या कह सकता हूं।” साथ ही उन्होंने अपनी सरकार को पूरी तरह से सुरक्षित बताया था।
विधानसभा के कार्यक्रम फ्लोर टेस्ट शामिल नहीं
विधानसभा के कार्यक्रम जारी लिस्ट में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट का जिक्र नहीं किया गया था। जबकि राज्यपाल के आदेश के अनुसार अभिभाषण के बाद विश्वासमत पर वोटिंग होनी थी। जारी कार्य सूची के अनुसार, पहले राज्यपाल का विधानसभा में अभिभाषण होगा फिर बाद में कृतज्ञता ज्ञापन सौंपा जाएगा।