कोटा: बाल कल्याण समिति सदस्य।कोटा में 17 साल की नाबालिग रेप पीड़िता ने बच्ची को जन्म दिया है। बच्चे के जन्म के 15 दिन बाद बालिका और उसके परिवार ने बच्ची को अपने पास रखने में असमर्थता जताई। इसके बाद बच्ची को सीडब्ल्यूसी के समक्ष सरेंडर कर दिया। बच्ची को फिलहाल शिशु गृह में आश्रय दिया गया है। दरअसल, कोटा की रहने वाली 17 साल की नाबालिग के साथ करीब 10 महीने पहले एक युवक ने रेप किया था।आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी थी। मामले में पीड़िता की तरफ से मुकदमा भी दर्ज करवाया गया था। इसमें आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। वारदात के करीब 6 महीने बाद पीड़िता की तबीयत खराब हुई। पेट में दर्द रहने लगा। इसके बाद परिजन उसे डॉक्टर के पास ले गए तब पता लगा कि वह प्रेग्नेंट है। इस पर जानकारी लगने पर बालिका को सीडब्ल्यूसी के समक्ष लाया गया। बालिका को नारीशाला में आश्रय दिया गया।नारीशाला में ही रह रही थीउसके बाद से बालिका नारीशाला में ही रह रही थी और वही उसकी देखभाल की जा रही थी। सीडब्ल्यूसी ने नारीशाला के स्टाफ को बालिका की देखरेख और रेगुलर चेकअप के निर्देश दिए। बालिका का डॉक्टर चेकअप कर रहे थे। 15 दिन पहले बालिका ने बच्ची को जन्म दिया।परिजनों ने अपनाने से किया इनकार15 दिन की बच्ची को शुक्रवार को पीड़िता और उसके परिजन सीडब्ल्यूसी के समक्ष लेकर पहुंचे और बच्ची को अपनाने में असमर्थता जताई। जिसके बाद सीडब्ल्यूसी ने बच्ची को बालिका गृह में रखने के निर्देश दिए। सीडब्ल्यूसी सदस्य विमल चंद जैन और अरुण भार्गव ने बताया कि परिवार वालों को 2 महीने का समय दिया गया है। 2 महीने के अंदर वह बच्ची को अपना सकते हैं नहीं तो उसके बाद बच्ची को गोद लेने की प्रक्रिया में लिया जाएगा।